मनमर्ज़ियाँ
कैसी ये अर्ज़ियाँ
बुझे न पहेलियाँ
सुलझा दे इन्हें
भटके हुए हम
सूनी है गलियाँ
कठोर सड़को पर
चलना सिखा दे हमें
अधूरे है सफ़र,
ऐ राह के हमसफर!
कितनी हसीन है ,
दिखा दे ये दुनिया |
दिखा दे ये दुनिया |
दुआओं का असर
है इस क़दर,
चारो तरफ फैला
ख़ुशी का मंजर
कबूल हो दुआ
ऐसी ख्वाइशे रखने वालों
ने उम्मीद की किरण
को जला दिया ।
रोशन हो शमां हर महफ़िल में
मशहूर हो जाऊ मुस्तकबिल में
इस ख्याल में नाम चला दिया ।
उम्र लम्बी हो हमारी
ऐसी है भावनाएँ
कुछ सच्ची, कुछ कच्ची
सी शुभकामनाएँ
मुस्कुरा लेता हूँ इन हालातों में
और दिल के जज्बातों में
मन को तस्सली देता हूँ
चलो साल दर साल कम हुआ
इस दर्द भरी ज़िन्दगी को
एक नया पैगाम देता हूँ ।
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