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Showing posts from July, 2018

गुमराह मुसाफ़िर

सवाल कर न सके तो हम बेबाक ख्वाबों से परे ही सही । मंजिल मिल न सके तो हम ख्यालों की दुनिया मे घिरे ही सही। तकदीर का साथ न बन सके तो हम लकीरों से अधूरे ही सही । फिक्र गुम है कहीं पन्नों में जुनून ये कलम है, अल्फाजों की अमानत है, सपनों में वक़्त की तेज रफ़्तार में संभालने को बचा कुछ है ही नही । आवाज न बन सके तो हम शब्दों के सहारे ही सही ।। तेज लहरों से न खेल सके तो हम दरिया के किनारे ही सही ।। घर मे आशियाँ न मिल सके तो हम किराये की छत के तारे ही सही ।। कीमती उपहार न दे सके तो हम ह्रदय में छुपे सितारे ही सही ।। दर्द में मुस्कराना सीख न सके तो, मुस्कुराहट में छिपे दर्द को पहचान न सके तो, हम झूठी हँसी के जादुई पिटारे ही सही ।। पुराने ख्यालात को संभाल न सके तो  किसी डर से जज़्बात न बता सके तो हम खामोश इशारे ही सही ।। ज़िन्दगी को खूबसूरत बना न सके तो,  दुनिया को अपना बना न सके तो, हम माँ-बाप के प्यारे-दुलारे ही सही।।

बारिश का मौसम

खुशमिजाज़ ये मौसम  न जाने कब भड़क जाये, कभी बादल बन बरस जाये, कभी बिजलियों सा कड़क जाये। एक ओर वो झोपड़ी, जिसको भय है बह जाने का । एक ओर वो महल, जिसको भय न ढह जाने का । अम्बर से बरसे अमृत ऐसे, बारिश की बूंदों से मिट्टी महक जाये । जिसकी भीनी सी खुशबू कब दिल में धड़क जाये । खामोश था जो आस्मां अब इन्द्रधनुष से दमक जाये । गरजते बादल और ये बारिश, सावन को सुरमय बनाने की जैसे खुदा की हो कोई साजिश ।

दोस्ती हमें प्यारी लगे

प्यार और दोस्ती में, दोस्ती हमें प्यारी लगे । दुनियादारी और यारी में, यारी हमें न्यारी लगे । याद हमें आने लगे बचपन के वो हसीन पल जब मिले दोस्तों से लौट आया गुज़रा हुआ कल दोस्ती की दास्ताँ में सारी जिंदगी कुर्बान कभी मिलकर बैठे जहाँ अब ढूँढती नज़र वहाँ फुरसत हो तो जमा लो महफ़िल गाए बस यहीं जुबान दो दिल एक जान । यारों में खुदा हो बसा जैसे फिर यारों के खिलाफ जाऊ कैसे उन यादों में डूब जाऊ ऐसे । प्यार और दोस्ती में, दोस्ती हमें प्यारी लगे परी और यारी में यारी हमें न्यारी लगे अटूट हो हमारी दोस्ती ऐसी फीकी पड़ जाये कृष्णा और सुदामा की दोस्ती। वो गालियाँ भी संस्कारी लगे तारीफों की बौछार में अल्फाज भी शायरी लगे ज़िन्दगी के हिस्से में नफरतों भरे किस्सों में दुश्मनों की चेतावनी देती हिदायत लगे जैसे कोई कयामत फिर जब यारों की हो इबादत हर मोड़ पर दोस्तों ने रखा सलामत मिटे मतभेद के सिलसिले जब-जब महफ़िल में फूल खिले जब रास्ते में कांटे मिले तब पुरानी गलियों में दोस्ती का मरहम मिले वक़्त की अमानत में दुनिया ये जूआरी लगे प्यार...

मनमर्ज़ियाँ

मनमर्ज़ियाँ कैसी ये अर्ज़ियाँ बुझे न पहेलियाँ सुलझा दे इन्हें भटके हुए हम सूनी है गलियाँ कठोर सड़को पर चलना सिखा दे हमें अधूरे है सफ़र, ऐ राह के हमसफर! कितनी हसीन है , दिखा दे ये दुनिया | दुआओं का असर है इस क़दर, चारो तरफ फैला ख़ुशी का मंजर कबूल हो दुआ ऐसी ख्वाइशे रखने वालों ने उम्मीद की किरण को जला दिया । रोशन हो शमां हर महफ़िल में मशहूर हो जाऊ मुस्तकबिल में इस ख्याल में नाम चला दिया । उम्र लम्बी हो हमारी ऐसी है भावनाएँ कुछ सच्ची, कुछ कच्ची सी शुभकामनाएँ मुस्कुरा लेता हूँ इन हालातों में और दिल के जज्बातों में मन को तस्सली देता हूँ चलो साल दर साल कम हुआ इस दर्द भरी ज़िन्दगी को एक नया पैगाम देता हूँ ।

Stay positive,Control causative

Stay Positive, Control Causative Ladies and Gentleman! presenting you the Story that has Crowning glory We already know Sky is blue but need some clue to send messages across the world about days n night fixed with glue. Every cloud has silver lining stars around it kept shining but greed for gold mining made the whole nation hungry not for the food, for the money it might be the reason for angry but it's the victory of evil inside us, that keep surfing negative vibes beside us. Instead of being in touch We are near to the mobile's touch and hate to share the feelings through real-time blessings current and upcoming generations love the virtualization wondering the feelings in emoticons which lie the actual expressions. change u want to see in others start from I and U that druthers It's time to begin today Evils are tomorrow and yesterday Let's celebrate the winning of hearts which manages the system and t...

बचपन के रंग,पापा के संग

बचपन के दिनों में पापा के दिलो में हमेशा ही रहा उन बीते साहिलों में किस्से कहानियाँ तो बहुत है सुनाने को वक़्त कहा लफ़्ज़ों में बतलाने को शब्द भी कम पड़ जाएँगे लिखने को कुछ लम्हे मिल जाये अतीत में जाने को जी चाहता है फिर से जी सकूँ उस जमाने को जी चाहता है, उन खुशनुमा बचपन को दोहराने को जी चाहता है इसे चंद अल्फाजों में बयाँ करने को ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया कंधे पर बैठा पूरा शहर घुमाया सारी खुशियों की चाबी हो तुम हर मौसम में राबी हो तुम तुझसे ही मेरी पहचान है आई तुझमे ही मेरी शक्शियत है समाई याद है मुझे वो पुरानी साइकिल, जिस पर बैठ कर स्कूल जाया करते थे जिसे देख हँसते थे बच्चे, याद है वो दिन जब सूरज से जल्दी उठने की रेस लगाया करते थे । शहर भी वक्त से पहुँचाया करते थे । छुट्टिया होती थी जब कभी तो गाड़ियों की आवाज पर कान टिका करते थे कहीं वो पापा तो नहीं ये सोच कर नज़रे दरवाजे पर रहा करती थी इंतज़ार में साँझ हो जाया करती थी, घर जाने की जल्दी जो हुआ करती थी, कैसे चेहरे पर, मुस्कान आ जाया करती थी । जेब खाली  पर दिल ...

तुम जैसी भी हो ,आज भी पसंद हो मुझे

तुम जैसी भी हो ,आज भी पसंद हो मुझे। तुम्हारी वो कातिलाना मुस्कान, तुम्हारी वो बातों की दुकान, सब याद है मुझे, अब ये यादें दिल से गुज़र कर, बस यहीं कहती रहती है,  लौट आओ फिर से इस ज़िन्दगी में, इसी फ़िराक़ में धड़कने तेज चलती रहती है, और बयां क्या करे दिल्लगी में। तुम जैसी भी हो,आज भी पसंद हो मुझे । तेरी बातों का असर कुछ ऐसा था, मेरा अल्फ़ाज़ तेरी आवाज़ जैसा था। जो नजरों को न दिखे, वो ख्वाब बन गये हो तुम। जिसकी कमी सी लगे, ऐसे लाज़वाब बन गये हो तुम। तुम जैसी भी हो,आज भी पसंद हो मुझे । तुम जैसी भी हो,आज भी पसंद हो मुझे । तेरी ख़ुशी के लिए, हर रास्ते पर चला हूँ हर पल, हर गम में, तेरी यादों में पला हूँ चलो छोड़ो ये बाते, आओ महफ़िल को जमाते। लौट आओ अब, इस बेरंग जीवन में ,रंगों से भर दो मुझे। तुम जैसी भी हो,आज भी पसंद हो मुझे । तुम जैसी भी हो,आज भी पसंद हो मुझे । कैसे करू इजहार अपनी मोहब्बत का। डरता हूँ,कहीं टूट न जाये वायदा ए दोस्ती का। वक़्त के मोड़ पर, एक तेरा ईशारा, एक आँखों में हज़ार सपनो का पिटारा । बेबाक सा मन ये, अंजान अकेले रास्ते चुने । नादान ये आँखे, बेख़ौफ़, मुश्किल ख्वाब बुने । इ...

तू लहर-लहर सी बहती जाये

तू लहर-लहर सी बहती जाये, मै किसी दरिया का किनारा बन जाऊ। तू विशाल पेड़ की ठंडी छाया बन जाये, मै तेरी सड़को का भटकता रही  बन जाऊं, एक दूजे के बिन रहा न जाये। । मै  ऐसे आसमां का सितारा बन जाऊं।  तू बंद लिफ़ाफ़े की चिठ्ठी सी, मै शब्द बन कर अल्फाजों को सुना जाऊ । तू आसमाँ की परी सी, मै बादल बन तुझमे समा जाऊ । मै सुलगती धरती का वो प्यासा हूँ, तू बारिश बन कर भीगा जाये । तू सूरत से सुन्दर, सीरत से साफ़ लगे, हर आईना भी शर्मां जाये | तू वक़्त बने, मै घड़ी बनू, समय के साथ हम ढल जाये। मै माटी का दिया बनूँ,तू दिए की वो लौ बने, रोशन कर शमां,अंधकार को मिटा जाये। मै शायर बनू,तू मेरी शायरी बने पढ़ के दुनिया ये बेगानी बने। कुछ इस तरह ख्यालों में डूब जाऊं ,  मजबूत इरादों की दास्ताँ जगा जाऊं। तू दिल से तो पुकार मुझे मै पुरानी यादों जैसे लौट आऊं। तू लहर लहर सी बहती जाये मै किसी दरिया का किनारा बन जाऊ ।।

सादग़ी सी ज़िन्दग़ी

मेरे पंखों को उड़ने से मत रोको ये ज़रिया है किसी माँ-बाप की उम्मीदों का। माना कि साथ नही हाँथ की लकीरे मगर ये जिंदगी तकदीर से बड़ी, किस्मत से छोटी तो नहीं ये सिलसिला है उन लिहाजों का, जज्बातों का। जिनकी बातें आम है, वो छुपे हुए आंसुओं  की ताक़त का परिणाम है राज जो दफ़न है सीने में पर ख्याब मुक्कमल है जीने में रूह के सुकून के लिए। वक़्त ठहरा न कभी, सपनों के जूनून के लिए चाहे लाख पहरे हो मोड़ पर साहस भरे तूफ़ान से राहों में, उन पहरों को तोड़ कर उन बाधाओं को पार कर ये दिल दरिया है, साथ देना है जिसे तेज बहाव का ध्यान कहाँ उसे उस पतझड़ में फ़सी नाव का मुश्किलें हजार है मुकाबले अपार है फिजूल अहंकार है चारो तरफ मचा हाहाकार है जिनकी बस यही पुकार है "दूसरों के काम की हो निंदा मजा है ये ,हूँ मै क्यूँ शर्मिंदा?" ये किस्सा है उन बेचैनीयों को खामोश करने का। जिनमे बस इंतज़ार की आस है । तेरी हर कामयाबी की वक़्त को भी तलाश है ।।

Terrifying Nights

Shadows that grows in the dark always stable and survive with stark. dreams reading the narration Remind the thoughts of our imagination when clock stuck over midnight mind reveals the hidden truth fear depends on just one light it's evil in form of Sleuth Tough to dream, what to say! Demons think of its way Some nightmares scream louder, then sound of the dog. Later, awake the body faster. now, it senses the depth of monsoon. Clouds with lightning and thunder, seems like a sky without the moon.

Independent! really are we?

Expectations forced onto us from the society, we need for the quality, we lead that raised the voice of freedom from the speech of politicians to the rules of kingdom. still bound by the laws and rights that remind the moment of violence yet division and partition arise the fights mostly decisions are hidden in silence remembering the 72 years of peace from the women era to education choice may love surrounds countries with rejoice When we listen to the voice of the deeps At the stroke of midnight hours when the world sleeps india will again awake to life and freedom "Instead of falling in ditches, let's break the walls and make bridges"

Shadow of my life

You are the light, which falls on my dark fate searching for the infinite that is reserved for the soulmate I miss the color bright after watching the countless stars on my knees in the night heart brought the tears for wars later, said the prayer in the street light still feels, you can smile may not for your desires but for faces of the cruel world When the program of life you compile, the sound of raining get turned out pearled On my destiny, whenever I look back to see you, I lose my identity