ज़िन्दगी बेहाल है,
कभी जवाब,कभी सवाल है
कुछ अजनबी से मोड़ है
कुछ मुकाबले की दौड़ है
कुछ मंजिले जानी-पहचानी है
कुछ रास्तों में बेईमानी है
नींद भी है ,ख्वाब भी है
सवाल भी है ,जवाब भी है
रुबाब भी है, नक़ाब भी है
"चाँदनी" रात भी है,धुन्दला सा महताब भी है ।
बस कमी है तो सितारों की,
जिनके गमों का हिसाब भी है ।
अज़ाब भी है,खुशियों का ख़िताब भी है ।
अमल करना है जिस पर,
वो अधूरा सा ख़्वाब भी है।
उड़ान के लिए बादलों का मुक़ाम भी है।
पंखों में हौसले का पैगाम भी है ।
जब दिल में सच्चे जज्बात है
फिर डरने की क्या बात है
सोचने-समझने के लिए
बस एक रात है,
बस आखिरी रात है ।।
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