मेरा देश संभल रहा है
मेरा देश बदल रहा है
है हौसला,जीतूंगा या मरूँगा मैं
अपने लहराते तिरंगे की कसम
इसका मान सदैव बनाये रखूंगा मैं
अपने देश का हर नागरिक प्यारा है
बस एक ख्वाइश हँस के गवारा है
मौत गर आ जाये तो
आंखों में नमी न हो
देश में शूरवीरों की कमी न हो
बस एक तमन्ना है मेरी
अपने ही अपनो में दंगा न हो
बस कफन की जगह तिरंगा हो
अंत तक होंठो पर गंगा हो ।
है हौसला, जीतूँगा या मरूँगा मै
अपने देश को राजनीतिक खेल से दूर करूँगा मैं ।
देश को भ्रष्टाचार और अत्याचार से आजाद करूँगा मैं।
मिट जाऊंगा मगर,
इस देश को कभी गिरने न दूंगा
ध्वज को कभी मिट्टी में मिलने न दूंगा ।
स्वंत्रता के पैगाम को मैं आपको सुना रहा हूँ
खुद से एक वादा निभा रहा हूँ
जागो देश के नौजवानों, नया सवेरा ला रहा हूँ
सुने होंगे आपने भी कई ऐसे भाषण
श्रोताओं में उम्मीद बाटते और बाटते राशन
आजाद तो हो गया अपना देश
पर कुछ बंधन से मुक्त नही है अपना देश
जानवर भी सुरक्षित नही जहाँ
आम नागरिक कैसे हो उपस्थित वहाँ ।
भारत की झोली में फूल है
जो मुरझा गए है,
कुछ अधूरी दास्तां समझा गए है
बिक गए रिवाज,आज फिरंग में
प्रेम की परिभाषा बदल गयी अंग में
नेता और एकता के रंग में
अच्छाई और बुराई के संग में
पहले लगा मैं भ्रमित था
स्वदेस में भी विदेशी को समर्पित था
अब लगने लगा है देश बदल रहा है
समय के साथ अपना भेष बदल रहा है
चलो कम से कम
नई सोच में अमल रहा है ।
मेरा देश संभल रहा है
मेरा देश बदल रहा है ।
जय हिंद !
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