कुछ बातें बतानी ज़रूरी सी हो गयीं है कुछ बातें बतानी ज़रूरी सी हो गयी है कुछ लफ़्ज़ों से इनायत सी हो गयी है आज भी जब वो शब्द गूंजते है इन कानो में तो लगता है जैसे वो बीते लम्हे,कल की ही बात हो इस क़दर उनकी आदत सी हो गयी है , जब से होश सभाला है ,खुद को आज़ाद समझता हूँ मैं मानो परिंदो को मिल गया उनके ख्वाब का खजाना अब तो ये फितूर भी बन गया है पासबान मेरा जो अश्क़ के क़तरों से भर दे पैमाना जो बेवजह ही भरते है जुर्माना मेरा मुझे उस क़िस्से से नफरत सी हो गयी है कुछ बातें बतानी ज़रूरी सी हो गयी है झूठे वादों में उलझा था मै मुझे याद है वो बारिश जिसमे कोई आहट सी होती थी और जब नज़रे भीगते ही मन में जज्बातों की सरसराहट सी होती थी दिल में छप जाते है कुछ अफ़साने मानो किसी रंजिश में हो ये बादल सारे जैसे मिल गए हो भीगे इंसान को आशियाने वो बारिश की बूंदे सुनाती है कुछ सुकून-ऐ-दास्ताँ ...
"Sometimes it takes a whole life time to know someone.