बयां भी नहीं कर सकते,
कुछ ऐसे है हालात मेरे..
जब नैनों की नैनों से हो मुलाकात तेरे,
वक़्त को नज़रअंदाज़ करके,
सामने से गुज़रे दिन-रात मेरे..
हर गम को फसाना चाहूँ..
हर क़दम को मिटाना चाहूँ..
वादों की महफ़िल में,
मेरे हाथों में हो हाथ तेरे..
हर वक़्त रहना चाहूँ साथ तेरे..
तुमने तो कह दी दिल की बात,
बन के अश्कों की बरसात मेरे ..
तुम बरसो तो साथ मेरे...
तुम बरसो तो साथ मेरे...
बहाने भी लगते है अज्ञात तेरे..
हम चाहते है मुख पर फ़रहात तेरे..
हम समझते है जज़्बात तेरे..
बयां भी नहीं कर सकते,
कुछ ऐसे है हालात मेरे..
बयां भी नहीं कर सकते,
कुछ ऐसे है हालात मेरे..
सुनके मिसरों की शुरुआत मेरे..
तुम समझो तो हालात मेरे..
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