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Showing posts from May, 2018

Sweet Night

After the sunset, beauty shines in the dark just like flower glowing in the deep night silent souls, asleep thought in the park relief footprints with great delight rain droplets murmuring on the cold wet grass  captures like dreams got some class. 

कुछ पल के लिए सही

कुछ पल के लिए सही झूठ को सच मान के गिर कर संभल के ख्वाब के समुँदर में डूब जाते है, ये वक़्त की लहरे है जिसमे खो जाने से ,लम्हें जिंदगी का अहसास दिलाते है, कुछ पल के लिए सही दिल बहलाने के लिए बस खामोश रहों, बोलने से दिल में जज्बात कम हो जाते है। चलो आज बेफ़िक्र हो कर, हवाओं में प्यार के गीत गुनगुनाते है | कुछ पल के लिए सही ||

गर्मी

गर्मी में पानी का मोल अमृत से कुछ ऐसे कर डाला पास रहकर भी दूर लगने लगी है पाठशाला। अपनापन सा लगता है अब तो इन चारदीवारों में  रूह को सुकून,पथिक को राहत  गरजते बादल,बारिश की चाहत धूप में छाया,ठंडी हवा का साया, मौसम के मिजाज में हो ऐसी इबादत जैसे डॉ° हरिवंश राय बच्चन की "मधुशाला"।।

नादान सवाल

नादाँ सवाल बचपन की सोच करे सवाल  आसमान नीला क्यों है  ? दिल था बेकरार,करे बवाल बेफिक्रा सा पूछे ये सवाल समुन्दर गीला क्यों है  ? निगाहों में सपने लिए जब उड़ा था मैं पलकों में ख्वाब सजाये बेपरवाह गुस्ताखियाँ करते  तब नींद से जग चूका था मै  अब उम्मीदों में ही कायम ए ज़िन्दगी सफ़र में मंज़िल भूल चूका था मै लकीर होती अगर हाथ में तकदीर होती साथ में दवाएं भी न करे कमाल  दुआओं में कुछ बात होती गर फिर ताजमहल पीला क्यो है ? न जाने कितनी चुनौतियों में दौड़ा चला जा रहा,  इंसान में भी जानवर पला  जा रहा, वक़्त सबको जीना सिखा रहा | कभी पेड़ की छाया तो कभी ममता का सुख है  पाया, धुप भी छुप जाती है जब होता है साँझ का साया | इन्हीं दिनों में अक्सर बढ़ जाती है मोह की माया ||  फिर भी बेवजह दिल पूछे ये सवाल इंसानी मिजाज शर्मीला क्यों है ?