अगर तू चाहे तो खुद का ज़िंदा होना भी ज़रूरी है,
तू मुकाम ऐ मंज़िल पर बढ़ना तो सीख
तेरे क़दमों का गिरना भी तो ज़रूरी है ..
न फ़िक्र कर इस ज़माने की
लोगो का सोचना भी तो ज़रूरी है ,
दुसरो की राय से पहले खुद की राय भी तो ज़रूरी है . ...
यूँ एक तरफा इश्क़ करने पर फ़िज़ूल आँख नम न कर.
उस इश्क़ ऐ इबादत का इज़हार करना भी तो ज़रूरी है ....
तक़दीर के फैसले हाथों की लकीर से नहीं होते
जो तुमको पसंद है उसे पाने का जज़्बा भी तो ज़रूरी है ....
वक़्त की गहरायिओं में जाकर देख
जो तुम्हारा आज है वो कल से बेहतर है
ये सोच रख कर जीना भी तो ज़रूरी है .....
टूटते तारों से खवाइश मांगने से बेहतर
माँ के आषीर्वाद का पैगाम भी तो ज़रूरी है ...
जो टूट चुके है उनमे उम्मीद की किरण को जलाओ
उनमे हिम्मत का अहसास भी तो ज़रूरी है .....
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