जब माथे का पसीना तुम्हारी आँखों में जाने लगे, तो समझ लेना, मंजिल के करीब हो तुम... जब हाथ की नसें तुम्हारी त्वचा से बाहर दिखने लगे, तो समझ लेना, मंजिल के करीब हो तुम... जब लू के थपेड़ों का तुम पर कोई फर्क न पड़े, तो समझ लेना, मंजिल के करीब हो तुम... जब बारिश-तूफ़ान तुम्हारे रास्तों को और आसान बनाने लगे, तो समझ लेना, मंजिल के करीब हो तुम... जब ये आँखें,रातों को दिन समझने लगे, तो समझ लेना, मंजिल के करीब हो तुम... जब पांव में लगे काटें खुद ब खुद निकलने लगे, तो समझ लेना, मंजिल के करीब हो तुम... जब घाव तुम्हारे मरहम बनने लगे, तो समझ लेना, मंजिल के करीब हो तुम... जब हवाएं तुमसे टकराकर वापस जाने लगे, तो समझ लेना, मंजिल के करीब हो तुम...
"Sometimes it takes a whole life time to know someone.